
अमेरिका में आज से लगभग 8 साल पहले एक बड़ा आतंकी हमला हुआ। कई आतंकी संगठन लगातार कोशिशें

अमेरिका में जब नौ ग्यारह हुआ तो सारे राजनैतिक मतभेद भुला दिए गए क्या डेमोक्रेट क्या रिपब्लिकन। लेकिन हम क्या कर रहे हैं। किसे जिम्मेदार ठहरा रहे हैं किस पर आरोप लगा रहे हैं। कभी कड़े क़ानून को लेकर बहस करते हैं जिसका कोई अंत नहीं होता न ही समाधान। कोई पुलिस मुठभेड़ को फर्जी बताता है। कोई कहता है सरकार आतंक पर नर्म रुख अपना रही है। कोई आरोप लगाता है कि आतंकियों की मेहमाननवाज़ी करके भेजने वाले और विमान के कंधार सुरक्षित पहुंचाने वाले तो कोई और थे। ख़ूनी खेल को अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक आतंक में बांटने की कोशिशें होती है। संघिय जांच ऐजेंसी पर भी राजनीति। पुलिस के आधुनिकिकरण पर राजनीति। हम कब वोट और कुर्सी की चिंता छोड़कर देश की चिंता करेगें। कब तक सियासी आतंकवाद का शिकार होते रहेगें ?