चुनावों के सिलसिले में पिछले दिनों महाराष्ट्र के दौरे पर था। चुनाव परिणाम के दिन यानी 16 मई की शाम में शिवसेना के उद्धव ठाकरे से मुलाकात हुई। मतदाताओं ने मुंबई की सभी 6 सीटों से शिवसेना का सफाया कर दिया था। हर जगह कांग्रेस ही कांग्रेस छाई थी। उद्धव हैरान परेशान थे। उसने कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि जिस शहर में 26/11 हुआ हो वो भी कांग्रेस गठबंधन की सरकार रहते केंद्र में भी और राज्य में भी वहां लोग कांग्रेस को कैसे वोट दे सकते हैं। जिस तरह से मुंबई में आतंकी हमले के बाद मुंबई और देश के लोगों ने जबरदस्त गुस्सा ज़ाहिर किया था वो गुस्सा क्या ग़ायब हो गया। याद रखिए मुंबई में जिन लोगों ने Enough is Enough कहा था वही लोग 30 अप्रील को वोट देने भी न निकल सके। मुंबई में 1977 के बाद सबसे कम मतदान हुआ था। 50 फीसदी से भी कम। चुनावी विशलेषक कहते भी हैं कि जब मतदान कम होता है तो वो सत्ता के पाले में जाता है। हुआ भी यही। तो आख़िर उद्धव की चिंता का क्या जवाब है। लोगों ने क्यों कांग्रेस को वोट दिया। एक सीधा का जवाब ये हो सकता है कि आतंकी घटनाओं के लिए जनता ने कांग्रेस को तो ज़िम्मेदार नहीं माना। लेकिन आतंक से लड़ने के लिए मतदाताओं ने शिवसेना और भाजपा को भी विकल्प तो नहीं ही माना है। आप क्या सोचते हैं...