27 फ़रवरी, 2010

बुरा न मानो होली है...

अभी अभी ख़बर मिली है कि अगला नोबेल शांति पुरस्कार अमिताभ बच्चन को देने का फैसला किया गया है, इसके तुरंत बाद मिस्टर बच्चन ने घोषणा की है कि वो पाकिस्तान की एक फिल्म में लीड रोल करेगें। इस फिल्म का मुहूर्त शाट में ओबामा, मनमोहन सिंह, जरदारी होंगे। शांति और मेल मिलाप की इस नई कोशिशों को देखते हुए पाकिस्तान में बैठे दाउद और हाफिज़ सईद ने ऐलान किया है कि वो सारे ग़लत धंधे छोड़कर शांति का संदेश देने वाली मिस्टर बच्चन की फिल्म में अपना पैसा लगाएगें। साथ ही उनके सारे जिहादी कश्मीर और आफगानिस्तान के लौटकर फिल्म में एक्सट्रा और दूसरे रोल करेगें। एक दूसरी ख़बर के मुताबिक सूत्रों ने बताया है कि राममंदिर के मुद्दे से जुड़े तमाम संगठनों ने ये तय किया है कि इस मुद्दे को अदालत के भरोसे छोड़कर अब उनका संगठन सर्व शिक्शा अभियान और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में बतौर स्वयंसेवी कार्यकर्ता के तौर पर जुड़ेगें। अर्थ जगत के ख़बरों की बात करें तो भारतीय सांख्यिकी संगठन के ताज़ा आंकड़ों से ये पता चलता है कि भारतीयों की मासिक आय तेज़ी से बढ़ते हुए अमेरिकियों की औसत आय को पार कर गई है। चीन ने अगले वित्तिय वर्ष के लिए की गई घोषणाओं में कहा है कि अब उनकी सारी मुनाफा कमाने वाली व्यापारिक इकाई अब भारतीय सरकार के अंदर अपना काम करेगी। अब सारे लाभांश पर भारतीय सरकार का अधिकार होगा, जहां चीनियों को लाभ का कुछ हिस्सा दिया जा सकता है। ये हिस्सा किताना होगा इसका फैसला संसद में दो तिहाई बहुमत से ही किया जा सकेगा। खेल की ख़बरों के बात करें तो इसी बीच पाकितानी खिलाड़ी शाहिद अफरीदी ने तय किया है कि अब वो गेंद की जगह फिर से घर की दाल रोटी खाने की आदत डाल लेगें। इस ख़बर के तुरंत बाद आस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के कप्तान ने उन्हें भारतीय मालपुए और गुजिए भेजे हैं। आईसीसी के विशिष्ट पैनल ने ये तय किया है कि अगला क्रिकेट विश्वकप चुकी भारतीय उपमहाद्वीप में हो रहा है इसलिए भारतीय टीम के हर मैच में विरेंद्र सहवाग और सचिन को हर मैच में तीन तीन बार आउट होने पर ही आउट समझा जाएगा। इस बाबत सारे क्रिकेट खेलने वाले देशों को सूचना भेज दी गई है। सूत्रों ने बताया है कि ज़िम्बाबे को छोड़कर सारी टीमों ने इस सर्वसम्मती से मान लिया है। मौसम की ख़बरों की तरफ रुख करते हैं मौसम विभाग को ताज़ा मिले फैक्स में मिस्टर इंद्र जो स्वर्ग नामक राज्य के प्रमु हैं साफ किया है कि वो अगले ५० सालों तक बारिश और मानसून को किसानों की ज़रुरत का ध्यान रखते हुए लगातार आपूर्ति जारी रखेगें। भारतीय मौसम विभाग ने इस प्रस्ताव को मान लिया है।.........होली के इस विशेष बुलेटिन में फिलहाल इतना ही। नमस्कार, होली की ढेर सारी शुभकामनाएं.

21 फ़रवरी, 2010

हमारे नेता जी !


अरे नेता जी तो नेता हैं, वो नव रसों के जानते वाले हैं। नेताजी डराते भी हैं और मस्ती में झुमने पर मजबूर भी कर देते हैं। इ‍टावा से विधायक एक इंजीनियर को रौद्र रुप दिखाते हैं धमकाते हैं कि दूसरा औरेया कांड कर देगें। वही औरेया कांड जिसमें एक विधायक ने इस इंजीनियर को पीट पीट कर तड़पा तड़पा कर मारा था, क्या हुआ उनका अब तक जांच हुई कि नहीं पता नहीं। इटावा के विधायक की हिम्मत तो देखिए, औरेया कांड उनके लिए शर्म नहीं बल्कि प्रेरणा का स्रोत बना है। नाम पर गौर करें भीमराव अंबेडकर। बताने की ज़रुरत नहीं इस नाम का मतलब क्या है। कब समझेगें ये नेता कि उनको धौंस जमाकर शासन करने के लिए नहीं चुना गया है। वो सेवक हैं। दूसरी ख़बर, ये विधायक पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की जन्मभूमि जीरादेई से विधायक है। उस मिट्टी का लेश मात्र भी लगता है वो नहीं छू पाए हैं। पटना में पिछले दिनों बेशर्मों की तरह ठुमके लगाते देखे गए। वो भी भौंडी अदाओं के साथ, कुछ वैसे ही नर्तकियों के साथ। आप सबने टीवी पर देखा होगा दुहराने की ज़रुरत नहीं। दुहराने की बात है कि हम क्यों ऐसे जनप्रतिनिधियों को स्वीकार कर लेते हैं, क्यों उनके इन धमकियों को लेकर कोई गुस्सा नहीं फूटता। मैं बार बार सोचता हूं कि हमने क्यों अपने पुलिस अधिकारियों, नेताओं और सरकारी विभाग के वो तमाम अफसरानों को ये छूट दे रखी है कि आइये हम पर जो मर्जी किजीए। हम बस आपको खुश करके जी लेगें, कुछ चमचे अपना काम भी बना लेगें। मैं सिर्फ कोस नहीं रहा इसका जवाब भी दे रहा हूं, हालांकि वो भी दूहराव ही है। वो ये कि इस बीमारी की जड़ खुद हममे हैं। क्योंकि हमारा तंत्र न तो सवाल पूछने - उठाने की इजाज़त देता है न ही उसे प्रोत्साहित करता है। कोई (एक मुख्यमंत्री)नेता अपनी मूर्ति पर मूर्ति लगवाता है, तो कोई (एक पूर्व प्रधानमंत्री) सरेआम गाली गलौज करता है।